भारत ने तुर्किए की कंपनी Celebi Aviation पर कसा शिकंजा – सुरक्षा मंजूरी रद्द, 8 एयरपोर्ट्स से हटेगी कंपनी

ग्राउंड स्टाफ कर्मी एक हवाई जहाज़ के इंजन के पास ट्रैफिक कोन की व्यवस्था करते हुए – भारत द्वारा तुर्किए की कंपनी Celebi Aviation की सुरक्षा मंजूरी रद्द करने की खबर के संदर्भ में।
भारत ने Celebi Aviation की सुरक्षा मंजूरी रद्द की – अब 8 एयरपोर्ट्स से हटेगी तुर्किए की यह कंपनी।

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नई दिल्ली: भारत सरकार ने तुर्किए की एक प्रमुख ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी Celebi Aviation की सुरक्षा मंजूरी तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी है। यह कंपनी तुर्किए के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एरदोगान की बेटी से जुड़ी बताई जाती है और भारत के 8 प्रमुख हवाई अड्डों पर सेवाएं दे रही थी।

क्या करती है Celebi Aviation?

Celebi Aviation ग्राउंड हैंडलिंग, कार्गो सेवाएं और एयरलाइन सहयोग जैसी सेवाएं प्रदान करती है। भारत में यह कंपनी दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, कोच्चि, हैदराबाद जैसे बड़े एयरपोर्ट्स पर सक्रिय थी।

सुरक्षा कारणों से लिया गया फैसला

भारत सरकार ने यह बड़ा कदम राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया है। सूत्रों के अनुसार, कंपनी की सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के पीछे तुर्किए के भारत विरोधी रुख और हाल के घटनाक्रम अहम कारण रहे हैं।

तुर्किए का पाकिस्तान के समर्थन में आना बना कारण?

जानकारी के अनुसार, तुर्किए ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के समय खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया था। इसके अलावा कश्मीर मुद्दे पर भी तुर्किए ने बार-बार भारत के खिलाफ बयान दिए हैं। यही वजह है कि भारत ने अब रणनीतिक रूप से सख्त कदम उठाया है।

भारत का स्पष्ट संदेश: ‘राष्ट्रहित सर्वोपरि’

यह कदम केवल एक कंपनी के खिलाफ नहीं, बल्कि एक साफ संदेश है कि भारत की सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों से समझौता नहीं किया जाएगा, चाहे वह किसी भी देश से जुड़ा मामला हो।

📊 क्या होगा असर?

  • Celebi को अब भारत में किसी भी हवाई अड्डे पर संचालन की अनुमति नहीं होगी
  • अन्य विदेशी कंपनियों के लिए यह एक चेतावनी है
  • भारत की विदेश नीति में निर्णायक रवैया दर्शाता है

यह कदम क्यों महत्वपूर्ण है?

  • भारत का विदेश नीति में नया सख्त और आत्मनिर्भर दृष्टिकोण
  • वैश्विक राजनीति में भारत की स्थिति को और मजबूत बनाता है
  • सुरक्षा मामलों में जीरो टॉलरेंस नीति का उदाहरण

आपकी राय क्या है?
क्या भारत का यह फैसला सही है?
क्या अब भारत को अन्य संदिग्ध विदेशी कंपनियों पर भी एक्शन लेना चाहिए?

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