तमिलनाडु में ‘डूम्सडे मछली’ 12 फुट लंबा ओअरफिश का रहस्यमयी आगमन: क्या कोई बड़ी आपदा आने वाली है?

Rare doomsday fish ओअरफिश found on the coast of Tamil Nadu by local fishermen
Fishermen off the coast of Tamil Nadu discovered a rare giant oarfish, sparking myths and scientific curiosity alike.
oarfish

तमिलनाडु में ओअरफिश मिलने की खबर ने समुद्री वैज्ञानिकों और आम लोगों के बीच सनसनी फैला दी है। गहरे समुद्र में पाई जाने वाली यह रहस्यमयी और दुर्लभ मछली, जिसे जापानी लोककथाओं में ‘डूम्सडे फिश’ या “मनहूस मछली” कहा जाता है, आमतौर पर तब किनारे आती है जब समुद्री पर्यावरण में कोई बड़ा बदलाव हो रहा होता है।

यह घटना न केवल वैज्ञानिकों के लिए अध्ययन का विषय बनी है, बल्कि पौराणिक मान्यताओं और प्राकृतिक आपदाओं से जुड़ी आशंकाओं को भी जन्म दे रही है।

ओअरफिश क्या है और क्यों है ये खास?

ओअरफिश, जिसे वैज्ञानिक रूप से Regalecus glesne कहा जाता है, दुनिया की सबसे लंबी हड्डीदार मछली मानी जाती है। इसकी लंबाई आमतौर पर 3 मीटर से 11 मीटर तक होती है और यह समुद्र की 1000 से 3000 फीट गहराई में निवास करती है।

इसका चांदी जैसा चमकदार शरीर और रिबन जैसी संरचना इसे समुद्री जीवों में अनोखा बनाती है। इसके दुर्लभ दर्शन के कारण ही कई पौराणिक कहानियाँ इससे जुड़ी हैं, जिसमें इसे समुद्री राक्षस और आपदा का संकेत माना जाता है।

पिछले कुछ दिनों (4–6 जून 2025) के बीच तमिलनाडु के दो अलग-अलग तटीय इलाकों में दो विशाल ओअरफिश मृत अवस्था में पाई गईं। इनकी लंबाई लगभग 9 से 10 फीट तक मापी गई, जो इसे औसत से कहीं बड़ा बनाता है।

स्थानीय मछुआरों और निवासियों के अनुसार, यह पहली बार है जब उन्होंने ऐसा विचित्र जीव देखा है। एक ग्रामीण ने कहा, “हमने तो कभी सोचा भी नहीं था कि हमारे तट पर ऐसी मछली आ सकती है। लोग डर गए हैं।”

जापान और फिलीपींस जैसे देशों में ऐसी मान्यता है कि जब भी ओअरफिश सतह पर आती है या किनारे पर मिलती है, तो यह किसी बड़ी प्राकृतिक आपदा — विशेष रूप से भूकंप या सुनामी — का संकेत होती है।

  • 2011 में जापान में आई विनाशकारी सुनामी से कुछ सप्ताह पहले कई ओअरफिश समुद्र तटों पर पाई गई थीं।
  • 2020 में ताइवान और फिलीपींस में भी भूकंप से पहले इसी प्रकार की घटनाएँ दर्ज की गई थीं।

हालांकि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं है, लेकिन यह संयोग कई बार देखे गए हैं, जिससे इस रहस्य और डर को बल मिला है।

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वैज्ञानिकों की नजर में ओअरफिश का किनारे आना क्यों है चौंकाने वाला?

समुद्री जीव वैज्ञानिकों ने ओअरफिश के अचानक तट पर मिलने की घटना को बहुत गंभीरता से लिया है। ये मछली आम तौर पर समुद्र की हजारों फीट गहराई में रहती है, जहाँ सूरज की रोशनी भी नहीं पहुंचती। ऐसे में इसका सतह पर आना एक बड़ी चेतावनी के समान माना जा रहा है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इसके पीछे कई संभावित और चिंताजनक कारण हो सकते हैं:

समुद्र का बढ़ता तापमान: ग्लोबल वॉर्मिंग के चलते समुद्र का तापमान असामान्य रूप से बढ़ रहा है, जिससे गहरे समुद्री जीव सतह की ओर आने को मजबूर हो रहे हैं।

ऑक्सीजन की कमी: गहराई वाले जल में ऑक्सीजन की मात्रा घट रही है, जिससे ओअरफिश जैसे जीव अपनी जान बचाने के लिए ऊपर आ सकते हैं।

भूकंप या समुद्री हलचल: समुद्र की गहराई में होने वाले कंपन और प्लेट मूवमेंट के कारण भी ये मछलियाँ असहज हो जाती हैं।

प्रदूषण का कहर: प्लास्टिक कचरा और रसायन समुद्री जीवन को बुरी तरह प्रभावित कर रहे हैं।

यह सब संकेत करते हैं कि प्रकृति हमें कुछ बताने की कोशिश कर रही है – अब उसे नजरअंदाज करना खतरे से खाली नहीं!

भारतीय समुद्री जैवविज्ञान संस्थान (CMFRI) के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा, “ओअरफिश गहराई में रहने वाली मछली है। इसका सतह पर आना अस्वाभाविक है और यह समुद्र में कुछ बड़े बदलाव की ओर संकेत कर सकता है।”

(Verified References):

तमिलनाडु में ओअरफिश का आना सिर्फ एक समुद्री घटना है या कोई बड़ी प्राकृतिक आपदा की चेतावनी? फिलहाल इसका कोई निश्चित उत्तर नहीं है। वैज्ञानिक विश्लेषण जारी है और स्थानीय प्रशासन भी अलर्ट मोड में है। लेकिन यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि शायद प्रकृति हमें संकेत देना चाहती है, जरूरत है तो सिर्फ समझने की।

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